लेखनी प्रतियोगिता -01-Feb-2022 गुरु
शीर्षक:- गुरु
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
जीवन खाली गागर है,गुरु ज्ञान रूपी सागर है,
सागर में अमृत होता है, गंगा जल जैसा होता है,
गुरु अमृत रूपी ज्ञान से,जीवन गागर भर जाते हैं,
हम अज्ञानी मानव को, धरती पर स्वर्ग दे जाते हैं
स्वर्ण कलश बनाते हैं,खुशियां जग में फैलाते हैं,
गुरु की महिमा है महान,नहीं कोई है अनजान,
गुरु ज्ञान रूपी सागर हैं,बुद्धि विवेक की गागर हैं---
गुरु को करती हूं प्रणाम,गुरु पूर्णिमा है महान,
गुरु जीवन का उजियारा,गुरु से रौशन है जग सारा,
जिसके सर पर हाथ गुरु का,जीवन सरस बन जाता है,
गुरु ही ज्ञान गुरु ही ध्यान,गुरु परमेश्वर कहलाते है,
मुक्ति गुरु शक्ति गुरु,गुरु भक्ति कहलाते है,
अंधकार रूपी जीवन में,गुरु प्रकाश बन जाते है,
भटके हुए राही को,गुरु सही राह दिखाते हैं,
हर कदम पर राह दिखाते,धरती को स्वर्ग बनाते हैं
गुरु की महिमा गाते गाते, जीवन अनमोल बनाते हैं।
संगीता वर्मा ✍️✍️
🙏🌷🌷🌻🌻
# प्रतियोगिता हेतु
कृपया मेरी कविता को आज की
Swati chourasia
01-Feb-2022 11:20 AM
Very beautiful 👌
Reply